📰 ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक शून्यता का दुष्प्रभाव: फसलें चौपट, किसान बेहाल रामा सिराई क्षेत्र में लाल चावल की रोपाई संकट में, चौकीदारी की नहीं हो पा रही व्यवस्था
उत्तरकाशी जनपद के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत चुनाव समय पर न होने का सीधा असर अब गांव की मूलभूत व्यवस्थाओं पर पड़ रहा है।
ग्राम पंचायतों में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अभाव में प्रशासनिक व्यवस्था बुरी तरह चरमरा चुकी है। रामा सिराई क्षेत्र में तो हालात इतने खराब हो चुके हैं कि किसानों को धान की रोपाई तक में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।क्षेत्र में प्रसिद्ध लाल चावल की फसल इस समय रोपी जाती है, लेकिन क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत सिंचाई विभाग द्वारा सिर्फ दिखावे के लिए की जा रही है। नहरों के अव्यवस्थित रहने के कारण खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
वहीं, आवारा और जंगली पशु धान की क्यारियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जब ग्राम पंचायतों में निर्वाचित प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य होते थे, तब चौकीदारी की व्यवस्थाएं समय पर की जाती थीं, जिससे फसलें सुरक्षित रहती थीं। लेकिन अब न तो कोई जवाबदेह प्रतिनिधि है और न ही कोई प्रभावी व्यवस्था।
ग्राम पंचायतों में प्रशासक तो नियुक्त किए गए हैं, पर उनकी पहुंच और सक्रियता सीमित है। कंडियाल गांव गुन्दियाट गांव रामा महर गांव पोरा के वासियों अब अपनी फसल की चौकीदारी खुद करनी चाह रहे थे, परंतु क्षेत्रफल बड़ा होनेसे उनका समय, श्रम और आर्थिक नुकसान तीनों हो रहे हैं। फिर चौकीदारी नहीं हो पा रही है बड़ियार क्षेत्र के चौलाई, राजमा, उड़द जैसी अन्य फसलें भी जंगली जानवरों और छुट्टा पशुओं के कारण लगातार नुकसान की चपेट में हैं। समय पर बारिश न होने से भी हालात और बिगड़े हैं।ग्रामीणों की मांग है कि शासन-प्रशासन रामा सिराई जैसे अति संवेदनशील कृषि क्षेत्र में तत्काल चौकीदारी की व्यवस्था सुनिश्चित करे और क्षतिग्रस्त नहरों की गंभीरता से मरम्मत कराए। साथ ही पंचायत चुनावों को जल्द से जल्द संपन्न कराया जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी और जवाबदेह प्रशासनिक व्यवस्था बहाल हो सके।