23 अप्रैल 2025जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर एक बड़ा निर्णय लिया है। सोमवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक में देश की सुरक्षा, रणनीति और पाकिस्तान को जवाब देने के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए। इन निर्णयों से न केवल पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया गया है,
बल्कि भारत की आंतरिक सुरक्षा नीति में भी निर्णायक मोड़ आया है।बैठक में लिए गए मुख्य निर्णय इस प्रकार हैं:
1. पाकिस्तानी उच्चायोग बंद:भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग को बंद करने का फैसला लिया है। सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों को लगभग समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा संकेत है।
2. सिंधु जल समझौता रद्द:1950 के दशक में हुए सिंधु जल संधि को भारत ने रद्द कर दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान की ओर जाने वाले जल प्रवाह को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्णय हुआ है। यह कदम पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर प्रभाव डाल सकता है और एक मजबूत भू-राजनीतिक संदेश भी है।
3. अटारी-वाघा बॉर्डर तत्काल प्रभाव से बंद:भारत और पाकिस्तान के बीच का प्रमुख स्थल — अटारी-वाघा सीमा — को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। इससे दोनों देशों के बीच सीमावर्ती आवाजाही और व्यापार पर पूर्ण विराम लग गया है।
4. वीजा प्रतिबंध:भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी वीजा पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। साथ ही, जो पाकिस्तानी नागरिक पहले से वीजा लेकर भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश जारी किया गया है।
5. भारतीय राजनयिकों की वापसी:इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से सभी राजनयिकों को भारत वापस बुला लिया गया है। इससे भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संपर्क लगभग शून्य हो गया है।6. सेना हाई अलर्ट पर:भारतीय सेना को देशभर में हाई अलर्ट पर रखा गया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सभी बलों को सतर्क रहने और आवश्यक कार्रवाई के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।—
हमले का पृष्ठभूमि:
21 अप्रैल को पहलगाम की प्रसिद्ध बैसरन घाटी में पर्यटकों से भरे मिनी बसों के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। इस भीषण हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी ग्रुप ‘TRF’ ने ली। हमले में 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह हमला पुलवामा के बाद कश्मीर घाटी में अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।—
सरकार का सख्त रुख
:प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली लौटते ही आपात बैठक बुलाई और कड़ा संदेश देते हुए कहा कि “भारत आतंक का मूक दर्शक नहीं रहेगा। जवाब कड़ा और निर्णायक होगा।”सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह समय कूटनीतिक नरमी का नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए निर्णायक कार्रवाई का है। विपक्षी दलों को भी गुरुवार को सर्वदलीय बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है ताकि पूरे देश का राजनीतिक नेतृत्व एक सुर में आतंकवाद के खिलाफ खड़ा दिखे।–