उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। उन्होंने वर्ष 2025 तक डेढ़ लाख महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रही है। मुख्यमंत्री धामी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कहा कि मातृशक्ति के सहयोग के बिना किसी भी समाज या राष्ट्र का संपूर्ण विकास संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार महिलाओं के बेहतर भविष्य के लिए उनके वर्तमान को संवारने के लिए कारगर प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र और राज्य सरकारें महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही हैं। राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत और सहकारी समितियों में 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। अब तक एक लाख ‘लखपति दीदी’ बनाई जा चुकी हैं, और अगले वर्ष तक यह संख्या 2.50 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके अलावा, कौशल विकास के माध्यम से महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत किया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना’ को भी मंजूरी दी है। इस योजना के तहत, एकल महिलाएं दो लाख रुपये तक का लोन लेकर स्वरोजगार शुरू कर सकती हैं, जिसमें से 75 प्रतिशत या डेढ़ लाख रुपये की सब्सिडी सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना राज्य का समग्र विकास संभव नहीं है, और सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है। ‘लखपति दीदी’ योजना और अन्य संबंधित कार्यक्रमों के माध्यम से, सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।इन पहलों के माध्यम से, उत्तराखंड सरकार राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
