हेलीकॉप्टर से यमुनोत्री तक बाढ़ सुरक्षा मिशन: चारधाम यात्रा से पहले तैयारियों ने पकड़ी रफ्तार ।

उत्तरकाशी, 21 अप्रैल 2025।चारधाम यात्रा से ठीक पहले यमुनोत्री धाम में तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और दुर्गम पैदल मार्ग को देखते हुए अब आधुनिक तकनीक और हवाई सहायता से बाढ़ सुरक्षा कार्यों को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को यमुनोत्री धाम में भारतीय वायुसेना के चीता हेलीकॉप्टर की सफल ट्रायल लैंडिंग हुई, जिससे आने वाले दिनों में आवश्यक मशीनों को एयरलिफ्ट कर धाम पहुंचाया जा सकेगा।जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में यह पहल की गई है। उन्होंने बताया कि यमुनोत्री धाम और जानकीचट्टी क्षेत्र में गत वर्ष 2024 की अतिवृष्टि और बाढ़ से हुए व्यापक नुकसान की पृष्ठभूमि में यह कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। 1956.85 लाख रुपये की लागत से यमुना नदी के दोनों किनारों पर बाढ़ से सुरक्षा के लिए विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें मंदिर क्षेत्र से लेकर श्रीराम मंदिर, जानकीचट्टी से अखोली पुल तक का क्षेत्र शामिल है।हेलीपेड की रेकी और लैंडिंग सफलआज चीता हेलीकॉप्टर के माध्यम से यमुनोत्री में निर्मित हेलीपेड की रेकी की गई, और एक हेलीकॉप्टर ने सफलतापूर्वक लैंडिंग भी की। इससे यह सुनिश्चित हो गया है कि आगामी दिनों में आवश्यक मशीनरी जैसे पोकलैंड, जेसीबी व अन्य भारी उपकरणों को वायुसेना के सहयोग से चिनूक हेलीकॉप्टर के माध्यम से एयरलिफ्ट किया जा सकेगा। ट्रायल लैंडिंग के सफल होने के बाद सिंचाई विभाग द्वारा आगे की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।तीर्थ यात्रियों की सुविधा सर्वोपरिडॉ. बिष्ट ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सजग और तत्पर है। यात्रा मार्ग को सुरक्षित और सुगम बनाए रखने के लिए विशेषज्ञों की सलाह पर भारी मशीनरी की जरूरत महसूस की गई। चूंकि 6 किमी लंबा पैदल रास्ता खड़ी चढ़ाई वाला है, इसलिए मशीनों को भूमि मार्ग से ले जाना संभव नहीं था। ऐसे में एयरलिफ्ट ही एकमात्र विकल्प था।प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा की ओर एक बड़ा कदमयमुनोत्री धाम और उसके आस-पास के क्षेत्रों को संभावित बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं से बचाने की दिशा में यह पहल एक बड़ा कदम मानी जा रही है। जिला प्रशासन और राज्य सरकार के समन्वय से यह मिशन तकनीकी दक्षता और समर्पण के साथ आगे बढ़ रहा है।चारधाम यात्रा जैसे-जैसे समीप आ रही है, वैसे-वैसे उत्तरकाशी प्रशासन की तैयारियों में भी तेजी आ रही है। उम्मीद की जा रही है कि ये प्रयास न केवल तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेंगे, बल्कि यमुनोत्री धाम को भविष्य की प्राकृतिक आपदाओं के लिए भी अधिक संवेदनशील और मजबूत बनाएंगे।

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