यमुना घाटी में उबाल: अवैध वाहनों पर रोक की उठी मांग ग्रामीणों ने उपजिला अधिकारी के माध्यम जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, आंदोलन की चेतावनी यमुनोत्री उत्तरकाशी।

गढ देश न्यूज़ अरविन्द जयाडा

यमुना घाटी में उबाल: अवैध वाहनों पर रोक की उठी मांग ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन,

13 मई तक कार्रवाई न होने पर दी आंदोलन की चेतावनीउत्तरकाशी, 11 मई चार धाम यात्रा के चलते यमुनोत्रीधाम मार्ग पर यातायात व्यवस्था में अव्यवस्था के खिलाफ अब स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा है।

यमुनाघाटी के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए हनुमानचट्टी से यमुनोत्री के बीच चल रही अवैध टैक्सियों और बाहरी चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।ग्रामीणों का कहना है कि बाहरी वाहन चालक यात्रा मार्ग पर अवैध रूप से धड़ल्ले से संचालन कर रहे हैं,

जिससे न केवल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है, बल्कि स्थानीय युवाओं का रोजगार भी छीना जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला पंचायत की ओर से “स्वास्थ्य बीमा” के नाम पर 50-50 रुपये की अवैध वसूली भी की जा रही है, जिससे यात्रियों में भ्रम की स्थिति बन रही है। तथा धाम यात्रा में घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी मजदूरों की समस्याओं और व्यवस्थाओं में पारदर्शिता की मांग को लेकर मजदूर यूनियन के अध्यक्ष श्री अरविंद रावत के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने यात्रा मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में प्रमुख मांग की गई कि मजदूरों की रोटेशन प्रणाली को ईमानदारी और मजबूती से लागू किया जाए ताकि सभी श्रमिकों को समान रूप से रोजगार मिल सके। साथ ही जिला पंचायत द्वारा लिए जा रहे 50 रुपये के बीमा शुल्क के बावजूद आज तक किसी भी घोड़ा-खच्चर मालिक को मृत पशु के लिए मुआवजा नहीं मिला है। मांग की गई कि ₹50,000 की मुआवजा राशि तत्काल दी जाए।फूलचट्टी में जिला पंचायत द्वारा लगाए गए ईको टैक्स बैरियर को जनहित में हटाने की अपील की गई, क्योंकि यह यात्रियों और वाहन चालकों के लिए असुविधाजनक साबित हो रहा है।इसके अलावा ज्ञापन में घोड़े-खच्चरों के फर्जी पंजीकरण की जांच की मांग भी प्रमुखता से की गई और आग्रह किया गया कि प्रत्येक पशु का केवल एक ही पंजीकरण हो, जिससे व्यवस्थाओं में पारदर्शिता बनी रहे।

ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष श्री अरविंद रावत के साथ महाबीर पंवार माही, ज्योति प्रसाद उनियाल, दीपक रावत, सचिन चौहान, वीरेंद्र परमार, महावीर बिष्ट, रूपा लाल, रणबीर राणा, राकेश रावत, बुद्धि सिंह पंवार, किशन रावत, चैन सिंह पंवार, मुकेश चौहान, अजयपाल रावत, कुलदीप राणा सहित कई पदाधिकारी एवं श्रमिक सम्मिलित रहे।

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