पुरोला में पंचायत चुनाव आरक्षण पर आपत्तियों का दौर जारी, 14 व 15 जून तक ली जाएंगी आपत्तियाँ, 17 जून को होगा निस्तारणपुरोला
(उत्तरकाशी ब्यूरो): आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियों के तहत विकासखंड पुरोला में आरक्षण सूची जारी होने के बाद से आपत्तियों का सिलसिला तेज हो गया है।
अब तक 12 ग्राम प्रधान पदों, 5 क्षेत्र पंचायत सदस्य पदों और 1 प्रमुख पद को लेकर कुल 18 आपत्तियाँ दर्ज की गई हैं।प्रशासन ने आपत्तियों को लेकर 14 और 15 जून को लिखित रूप में दावे और आपत्तियाँ दर्ज करने की समयसीमा तय की है।
इसके बाद सभी आपत्तियों का निस्तारण 17 जून को तहसील कार्यालय पुरोला में किया जाएगा।—📌 आरक्षण पर उठे सवाल कई ग्राम पंचायतों में लगातार एक ही वर्ग को आरक्षण दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की गई है।
कुछ क्षेत्रों में ग्रामीणों ने आरक्षण निर्धारण को राजनीतिक प्रभाव से प्रेरित बताया है। महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति से जुड़े आरक्षण क्षेत्रों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है,
जिसे लेकर पूर्व जनप्रतिनिधि और संभावित प्रत्याशी सवाल उठा रहे हैं।–
-⚖️ 17 जून को होगी सुनवाई और निस्तारणखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) पुरोला ने बताया कि आपत्तियाँ संबंधित समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएंगी।
17 जून को होने वाली सुनवाई में सभी आपत्तिकर्ताओं को दस्तावेज़ों सहित उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। उसी दिन आरक्षण निर्धारण पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।-
–🗣️ चुनावी समीकरणों में हलचलआरक्षण सूची में संभावित बदलाव की चर्चा से राजनीतिक गलियारों में हलचल है। कई दावेदारों ने अपने क्षेत्र बदलने की तैयारी शुरू कर दी है, तो कुछ ने आरक्षण निर्धारण को चुनौती देने की बात कही है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह मसला आम चर्चाओं का विषय बना हुआ है।
—📝 प्रशासन की अपील: तय समय में दें आपत्तिप्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आपत्तियाँ केवल 14 व 15 जून को ही स्वीकार की जाएंगी। इसके बाद कोई आपत्ति नहीं मानी जाएगी। निस्तारण के बाद अंतिम आरक्षण सूची जारी की जाएगी, जिस पर भविष्य में कोई संशोधन नहीं होगा।
—📊 आपत्तियों का संक्षिप्त आंकड़ा:आपत्ति का प्रकार कुल संख्याग्राम प्रधान पद पर
12प्रधान पद पर 1प्रमुख 5 क्षेत्र पंचायत 18आपतीया
—📣 स्थानीय लोगों की मांग: पारदर्शी प्रक्रिया हो सुनिश्चितग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि आरक्षण निर्धारण में पारदर्शिता बरती जाए और भविष्य में सूची जारी करने से पहले सार्वजनिक जनसुनवाई कराई जाए, जिससे स्थानीय जनता की राय भी शामिल हो सके।
—📌 (यह खबर 14 जून के संस्करण में प्रकाशित की जा सकती है, ताकि लोगों को आपत्ति दर्ज कराने की समयसीमा की स्पष्ट जानकारी मिल सके।