
उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम 2016 एवं उसके संशोधन के तहत आगामी जिला पंचायत चुनाव 2025 की तैयारियों को लेकर आरक्षण सूची जारी कर दी गई है। उत्तरकाशी जिले के कुल 28 जिला पंचायत निर्वाचन क्षेत्रों के लिए आरक्षण का निर्धारण कर दिया गया है, जिसमें अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला तथा सामान्य श्रेणी के अंतर्गत आरक्षित सीटों का विवरण स्पष्ट किया गया है।जिलाधिकारी उत्तरकाशी की ओर से जारी सूची में 14 सीटों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है, जिनमें से 6 अनुसूचित जाति महिलाओं के लिए, 4 अन्य पिछड़ा वर्ग महिलाओं के लिए तथा 4 सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए हैं। इसके अलावा 4 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए, 3 सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए और शेष 7 सीटें सामान्य श्रेणी (अनारक्षित) वर्ग के लिए रखी गई हैं।आरक्षित सीटों का प्रमुख वर्गीकरण:श्रेणी सीटेंअनुसूचित जाति महिला गजौली (बणगांव), स्याल्ड (डुंडा), इंद्रा (जोशियाड़ा), मत (भटियाणी), मालरी (बरसाली), पालीगांव (डुंडा)अनुसूचित जाति (सामान्य) नेलांग (भण्डारसू), वाडीध (कुंजार), रामा, झटाड़ी (आराकोट)अन्य पिछड़ा वर्ग महिला हुड्डोली, तुनाल्का, न्यालंग (गणाणा), जैरअन्य पिछड़ा वर्ग (सामान्य) कांशरी (भाटा), धारालीमहिला (सामान्य) खालसी (डिवली), नेलतली, महरगांव (तुमराड़ी), गाजोलीअनारक्षित (सामान्य) स्याल, फुल (पुजारगांव धानारी), मंकोली, धारकोट (स्योली), दंगी (मिटावली), मानपुर, भंकोलीराजनीतिक समीकरणों में हलचल तेजआरक्षण सूची के जारी होने के बाद राजनीतिक दलों और संभावित उम्मीदवारों में हलचल तेज हो गई है। कई पंचायत क्षेत्रों में जहां पिछली बार पुरुष प्रतिनिधि निर्वाचित हुए थे, वहां अब महिला उम्मीदवारों की तलाश शुरू हो गई है। विशेषकर अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों पर राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की सक्रियता बढ़ गई है।स्थानीय नेताओं में मतभेद की आशंकासूत्रों के अनुसार कुछ क्षेत्रीय नेता आरक्षण परिवर्तन को लेकर नाराजगी जता सकते हैं क्योंकि उनकी परंपरागत सीट इस बार आरक्षित हो गई है। वहीं नए चेहरों के उभरने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं, जिससे लोकतांत्रिक भागीदारी को बल मिलेगा।प्रशासनिक तैयारियां प्रारंभजिलाधिकारी उत्तरकाशी ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया की तैयारियां प्रारंभ हो चुकी हैं। मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य चल रहा है और जल्द ही विस्तृत चुनाव कार्यक्रम भी जारी किया जाएगा।जनता की मांग—पारदर्शिता और निष्पक्षतास्थानीय लोगों ने चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता की उम्मीद जताई है। साथ ही यह भी मांग की है कि इस बार जिला पंचायत में ऐसे प्रतिनिधि चुनकर आएं जो शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार जैसे मूलभूत मुद्दों को प्राथमिकता दें।—यदि आप चाहें तो इस समाचार में स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया, पिछले चुनाव के आंकड़े या संभावित उम्मीदवारों के नाम भी जोड़े जा सकते हैं। बताइए, क्या अगला ड्राफ्ट तैयार करूं?