उत्तरकाशी में मॉक ड्रिल के जरिए परखी गई आपदा प्रबंधन की तैयारियांभारी बारिश और भूस्खलन का परिदृश्य, आपात स्थितियों में त्वरित कार्रवाई का अभ्यासउत्तरकाशी,

उत्तरकाशी में मॉक ड्रिल के जरिए परखी गई आपदा प्रबंधन की तैयारियांभारी बारिश और भूस्खलन का परिदृश्य, आपात स्थितियों में त्वरित कार्रवाई का अभ्यासउत्तरकाशी, 24 अप्रैल 2025 (सूचना विभाग):जिले में आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखने के उद्देश्य से आज एक मॉक ड्रिल (मॉक अभ्यास) का आयोजन किया गया। इस अभ्यास के तहत प्रातः 9:37 बजे जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से जोरदार सायरन बजाया गया, जिससे मॉक ड्रिल की शुरुआत हुई। सायरन की आवाज सुनते ही आईआरएस (इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम) से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मचारी तत्काल जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में एकत्र हुए।मॉक अभ्यास के परिदृश्य के अनुसार, जिले में भारी वर्षा के चलते भूस्खलन और वाहन दुर्घटनाएं हुई हैं। इस आपदा की सूचना मिलते ही विभिन्न विभागों की टीमें तुरंत सक्रिय हुईं और राहत-बचाव कार्यों के लिए निर्धारित स्थलों की ओर रवाना हुईं।इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने आम जनता से अपील की कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह केवल एक अभ्यास है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के अभ्यासों से यह मूल्यांकन करने में मदद मिलती है कि जिला प्रशासन और संबंधित विभागों की तैयारियां आपात स्थितियों में कितनी प्रभावी हैं।डॉ. बिष्ट ने यह भी कहा कि “मॉक ड्रिल से हमें यह जानने का अवसर मिलता है कि हमारे संसाधनों का उपयोग, समन्वय व्यवस्था, समयबद्ध प्रतिक्रिया और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने की प्रक्रिया कितनी कारगर है। यदि किसी भी स्तर पर कोई कमी या भ्रम की स्थिति सामने आती है, तो उसे भविष्य के लिए दुरुस्त किया जा सकता है।”जिले भर में मॉक ड्रिल के दौरान विभिन्न स्थानों पर राहत और बचाव कार्यों का सफलतापूर्वक अभ्यास किया गया। स्थानीय पुलिस, फायर सर्विस, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, होमगार्ड और स्वयंसेवी संगठनों ने भी इसमें सक्रिय भागीदारी निभाई।जिलाधिकारी ने अंत में कहा कि “आपदा प्रबंधन एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें प्रशासन के साथ-साथ आम नागरिकों की सजगता और सहयोग भी अत्यंत आवश्यक है।”

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